आज से करीब 50 साल पहले की बात है जब मोटर- गाड़ियां सड़कों पर बहुत कम थीं. लोग अक्सर घोड़ा- गाड़ी से सफर किया करते थे. क्योंकि घोड़े को जानवरों में सबसे उत्तम सवारी कहा गया है. उसका एक पहलू ये भी है कि यह सरपट तेज दौड़ता है और दूसरा पहलू है कि मीलों भागने के बावजूद यह थकता नहीं है. वैसे पुरातन काल से आधुनिक काल तक घोड़ों की प्रजातियों को लेकर अक्सर बहस चलती रही है. पुराने समय में राजा एक दूसरे को विशेष प्रजाति के घोड़े देकर संधि कर लिया करते थे. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि घोड़ों की कितनी पूछ होती थी.
आज कहीं पर भी जाने के लिए हमें बाईक की जरूरत होती है. पर एक जमाना था जब कभी किसी को कहीं पर जाना होता था तो घोड़ा गाड़ी की जरूरत होती थी. दुनिया बदलती गई और घोड़ा गाड़ी लुप्त हो गई.
इतना ही नहीं घोड़ों की अनेक नश्ले भी गायब सी हो गई है. वैसे आज हम आपको दुनिया का सबसे महंगा और सबसे खुबसुरत घोड़ा दिखाने जा रहे हैं. इस घोड़े को लोग स्वर्ग का घोड़ा भी कहते हैं.
आज हम आपको एक ऐसे ही विशेष प्रजाति के घोड़े के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे देखकर लोग अक्सर मोहित हो जाते हैं. इस घोड़े को स्वर्ग का घोड़ा कहा जाता है. ये घोड़े अन्य सभी नस्लों के घोड़ों से ज्यादा सुंदर होते हैं. इस घोड़े की प्रजाति को अखल टेके के नाम से जाना जाता है. यह घोड़ा तुर्कमेकिस्तान में पाया जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस घोड़े की चमक प्रकाश को परावर्तित करती है जिसके कारण इसके बदन पर चमक प्रतीत होती है.
इन घोड़ों को सुंदर दिखने के अतिरिक्त तेज रफ्तार और समझदारी के लिए भी जाना जाता है. लेकिन दुख की बात है कि इन घोड़ों की प्रजाति विलुप्ति की कगार पर है इन घोड़ों की संख्या अब सिर्फ 6600 रह गई है. अखल टेके को तेज दौड़ने वाले घोड़े के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये पूरी ताकत के साथ भागते हैं और शारीरिक रूप से बलिष्ठ तो होते ही हैं. साल 1960 में इस घोड़े को रोम ओलंपिक में दौड़ाया गया था.
देखा जाये तो घोड़े की कई प्रकार की नस्ले होती है और उन सब का अलग अलग काम भी कोई शादी के लिए काम में लिए जाता है कोई सामान ढ़ोने के लिए और कोई सवारी गाड़ी के लिए.
आज हम जिस घोड़े की बात कर रहे है वो नार्मल घोडा नहीं है इस घोड़े की चमक ऐसी है की की दूर से ही चमक दिखने लगती है और इसकी लम्बाई और चौड़ाई भी अन्य धोडो से ज्यादा है और दिखने में सिल्वर कलर का है ये घोड़ा.
अखल टेके घोड़ा – यह एक ऐसा घोड़ा है जो अपनी खूबसूरती से पहचाना जाता है. इस घोड़े की प्रजाति को अखल टेके नाम दिया गया है. कहा जाता है की इस घोड़े के बारे में हिन्दू शास्त्रों में भी जिक्र किया गया है. इस घोड़े की त्वचा हमेशा चमकती रहती है. वैज्ञानिकों के अनुसार जब सूरज की किरने इस घोड़े की त्वचा पर गिरती है तो वो रिफ्लेक्ट हो जाती है. जिसकी वजह से घोड़े की त्वचा चमकीली हो जाती है.
समझदारी से प्रसिद्ध है – अखल टेके घोड़ा अपनी समझदारी से भी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है. कहा जाता है की आम घोड़ों की तुलना में यह घोड़ा बहुत जल्दी समझ जाता है. वैसे इस घोड़े की संख्या विश्व भर में बहुत कम है. इन्टरनेट पर मौजूद डाटाबेस के अनुसार इनकी संख्या 6600 है.
ओलम्पिक में दौड़ा है यह घोड़ा – अखल टेके घोड़े की एक खासियत यह भी है की यह घोडा किसी भी दौड़ में भाग ले सकता है. इतना ही नहीं इस घोड़े ने अनेक ओलम्पिक में जीत भी हासिल की है. वैसे आखिरी वक्त इस घोड़े को 1960 की ओलम्पिक दौड़ में दोड़ाया गया था.