महा शिवरात्रि, भगवान शिव के समर्पण और भक्ति को मनाने का एक विशेष दिन है

महा शिवरात्रि का संबंध समुद्र मंथन से है, जिसे नीलकंठ (शिव) ने विष पिया और देवों को बचाया।

इस दिन, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, लोग इस दिन उनकी भक्ति में व्‍यस्‍त रहकर पूजा करते हैं।

महा शिवरात्रि को तपस्या का भी दिन मन जाता है। भगवान शिव की तपस्या और उनकी आध्यात्मिक शक्ति की स्तुति करने का अवसर है।

महा शिवरात्रि पर लोग "हर हर महादेव" का मंत्र जाप करते हैं, जिनकी आत्मा शुद्ध होती है और उन्हें आंतरिक शांति मिलती है।

रात भर जागरण करना और भजन-कीर्तन में भाग लेने से मन शांत होता है और व्यक्ति अपने जीवन में उचित दिशा में बदलने की कोशिश करता है

भगवान शिव को सृष्टि के उत्पति, स्थिति और विनाश का देवता माना जाता है, इसलिए महा शिवरात्रि पर उनकी पूजा से समग्र जगत का मंगल होता है।

महा शिवरात्रि पर आपको मोक्ष की प्राप्ति की आशा होती है, और इस दिन भक्ति भाव से भगवान शिव की आराधना करने से मुक्ति मिलती है या कदम बढ़ाया जा सकता है।