सुब्रत रॉय ने अपनी पढ़ाई को महत्वपूर्ण बनाया और उन्होंने शिक्षा के माध्यम से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिनाईयों का सामना किया।
1970 के दशक में, सुब्रत रॉय ने अपने उद्यमी दृष्टिकोण के साथ सहारा इंडिया कंग्लोमरेट की स्थापना की।
सहारा इंडिया का विकास: सुब्रत रॉय के प्रेरणास्त्रोत पर, सहारा इंडिया ने बहुत तरह के क्षेत्रों में अपनी पहुंच को बढ़ाया है। ग्रुप ने वित्त, रियल एस्टेट, मीडिया, और मनोरंजन सहित कई क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को विशेष रूप से मजबूत किया है।
पूर्वाधिकारिक योजनाएं: सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कई ऐसी योजनाएं शुरू की, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और समुदाय विकास को मजबूती से बढ़ावा देने का प्रयास किया गया।
पूर्णता का प्रतीक: सुब्रत रॉय ने सिर्फ अपनी कंपनी को ही नहीं, बल्कि अपनी व्यक्तिगतता को भी सबसे ऊपर ले जाने में कामयाबी हासिल की है। उनकी सफलता और नैतिकता ने उन्हें अनगिनत संभावनाओं की दिशा में बढ़ने का मौका दिया है।