चुनौतीपूर्ण शुरुआतें: तुषार जैन ने वित्तीय संघर्षों का सामना किया, जिसने उसे मुंबई की सड़कों पर अपने पिता के साथ बैग बेचने का काम करना पड़ा ताकि उसके परिवार का सहारा हो सके।
व्यापार का विस्तार: 2007 तक, तुषार की बैग निर्माण इकाई फलांगित हो गई थी, जिसने 25 करोड़ रुपये का लाभ उत्पन्न किया। यह सफलता उसे सीमित बैग उत्पाद से बाहर बढ़ने के लिए प्रेरित करने लाई।
हाई स्पिरिट कमर्शियल वेंचर्स का शुभारंभ: 2012 में, तुषार जैन ने हाई स्पिरिट कमर्शियल वेंचर्स की स्थापना की, जिसका मुख्य ध्यान गुणवत्ता और किफायत पर था। उसने हैशटैग और ट्रावर्ल्ड जैसी ब्रांड्स पेश की।
बाजार रणनीति: तुषार भारतीय उपभोक्ताओं की मूल्य संवेदनशीलता को समझता है और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को सामर्थ्यपूर्ण मूल्यों पर प्रदान करने का महत्व देता है।
डिजिटल युग और ब्रैंडिंग: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के महत्व को मानते हुए, तुषार ने उन्हें विपणी और ब्रैंड एम्बैसडरशिप के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर के साथ मिलकर उपयोग किया।
भविष्य की योजनाएं: तुषार का लक्ष्य है आने वाले पाँच वर्षों में 1,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करना। उसने मुंबई में एक बड़ी कारख़ाना में निवेश किया है और बिहार के पटना में एक निर्माण सुविधा स्थापित करने की योजना बना रखी है।